बिहार में सफर होगा सुहावना! 1000 किलोमीटर के एक्सप्रेसवे इतने गाँव शहरों की कर देंगे बल्ले बल्ले, जानें
इसी तरह पटना से शुरू होकर पूर्णिया तक जाने वाले पटना पूर्णिया एक्सप्रेसवे भी बिहार में ही शुरू होकर बिहार में ही खत्म हो जाएंगे. बाद में संभव है कि इनकी कनेक्टिीविटी के विस्तार के बारे में कोई फैसला हो. इन चारों एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 84,734 करोड़ रुपये खर्च होंगे और ये 1575 किलोमीटर की एरिया को कवर करेंगे. दूसरी ओर, बिहार में ये 1063 किलोमीटर का एरिया कवर करेंगे और बिहार में केवल 59,173 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास के संकल्प कक्ष में एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर समीक्षा बैठक का आयोजन किया था, जिसमें अधिकारियों ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से यह जानकारी दी थी. गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे: यूपी से निकलकर यह बिहार के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज होते हुए सिलीगुड़ी तक जाएगा. कुल 600 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस की बिहार में केवल 415 किलोमीटर तक होगी.
रक्सौल हल्दिया एक्सप्रेसवे: कुल 702 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का 367 किलोमीटर का हिस्सा बिहार में पड़ने वाला है. यह पूर्वी चंपारण, शिवहर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई और बांका से होकर निकलेगा.
पटना पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे: यह पटना के दिघवारा पुल से शुरू होकर पूर्णिया तक जाएगा, जिसकी दूरी 250 किलोमीटर की होगी.
यह सारण, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा होते हुए पूर्णिया तक जाएगा. आमस दरभंगा एक्सप्रेसवे: 198.4 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे को बिहार के 7 जिलों से होकर गुजरना है. इनमें पटना, जहानाबाद, दरभंगा, गया, वैशाली, समस्तीपुर और नालंदा शामिल हैं.