DAP Fertilizer: डीएपी खाद खरीदने के लिए किसानों को अब देने होंगे ये दस्तावेज, सरकार ने जारी किए आदेश
जिले में डीएपी की मांग और आपूर्ति
जिले से इस वर्ष कुल 15 हजार टन डीएपी की मांग भेजी गई थी जिसमें से अब तक 3000 टन डीएपी प्राप्त हो चुकी है। प्रशासन का लक्ष्य है कि जिले की 103 सहकारी समितियों में सभी किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जाए। वर्तमान में डीएपी का मूल्य सहकारी समितियों में 1350 रुपये प्रति बैग है जबकि खुले बाजार में इसकी कीमत 1600 से 1800 रुपये प्रति बैग तक पहुंच चुकी है। इस अंतर के कारण किसान सहकारी समितियों में खाद खरीदने के लिए अधिक संख्या में पहुंच रहे हैं।
पारदर्शिता के लिए कड़े कदम
प्रशासन ने खाद वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए नई व्यवस्था लागू की है। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि डीएपी वितरण में किसी भी प्रकार की अनियमितता रोकने के लिए 400 से अधिक अधिकारियों की तैनाती की गई है। इन अधिकारियों में एडीएम एसडीएम और तहसीलदार जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। ये अधिकारी समितियों पर खाद वितरण की निगरानी करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि किसानों को सही समय पर खाद मिले। यह व्यवस्था 30 अक्टूबर तक लागू रहेगी ताकि फसलों की बुवाई में किसी भी प्रकार की देरी न हो।
दस्तावेज जरूरी
सहकारी समितियों से डीएपी खाद प्राप्त करने के लिए किसानों को अब कुछ आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। किसानों को अपनी खतौनी आधार कार्ड और मोबाइल नंबर दिखाना अनिवार्य किया गया है। इन दस्तावेजों के बिना किसानों को खाद नहीं दी जाएगी। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि केवल वास्तविक और योग्य किसान ही खाद प्राप्त कर सकें और खाद की कमी न हो।
वितरण में अनियमितताएं
शमसाबाद ब्लॉक के कुछ क्षेत्रों में डीएपी वितरण में अनियमितताएं पाए जाने के बाद प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। 4 अक्टूबर की शाम को 25 टन डीएपी के अवैध डंपिंग का मामला सामने आने पर छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद जिलाधिकारी ने इस मुद्दे पर विशेष ध्यान देते हुए सख्त निगरानी शुरू की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
किसानों की समस्याएं और मांगें
किसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज शर्मा ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि डीएपी की मांग को लेकर शासन से सही समय पर आदेश जारी नहीं किए गए जिससे आलू और गेहूं की बुवाई प्रभावित हो रही है। उन्होंने प्रशासन से किसानों की जरूरतों को प्राथमिकता देने औरडीएपी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की है।
किसान समुदाय की उम्मीदें
जिले में इस समय रबी फसलों की बुवाई का समय है और किसानों को खाद की तत्काल आवश्यकता है। प्रशासन का दावा है कि अगले कुछ दिनों में सभी समितियों पर पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध हो जाएगी। इससे किसानों को सही समय पर फसल बुवाई का मौका मिलेगा और कृषि उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।